ग्वालियर: बिना सुरक्षा उपकरण के गहरे सीवेज टैंक में उतार दिए गए दो कर्मचारी, दम घुटने से हुई दोनों की मौत
स्थानीय लोगों के मुताबिक ठेकदार ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण के ही दोनों को सीवर की सफाई के लिए उतार दिया था। जिसके बाद वे गैस की चपेट में आ गए।
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ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिस्टम को शर्मसार करने वाला हादसा हुआ है। यहां सीवर की सफाई करने के लिए टैंक में उतरे दो सफाईकर्मियों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सुरक्षा उपकरण दिए बगैर इन्हें 20 फीट गहरे सीवर में उतारा गया था।
जानकारी के मुताबिक यह हादसा गुरुवार सुबह 10 बजे के करीब हुआ। ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र के रेशम मिल इलाके में नगर निगम के दो सफाई कर्मचारी सीवर के अंदर उतरे थे। यहां जहरीली गैस की चपेट में आ गए और दोनों की दम घुटने से दर्दनाक मौत हो गई। मरने वाले कर्मचारियों का नाम अमन और विक्रम बताया जा रहा है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक ठेकदार ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण के ही दोनों को सीवर की सफाई के लिए उतार दिया था। जिसके बाद वे गैस की चपेट में आ गए। मौके पर पहुंचे अन्य निगम कर्मियों और पुलिस ने मृतक सफाई कर्मियों को सिविल लाइन से बाहर निकालकर बिरला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मीडिया से बात करते हुए मृतक के भाई ने बताया कि "ठेकेदार महेशपाल के कहने पर जब एक कर्मचारी सीवर में उतरा तो उसको गैस ने अपनी चपेट में ले लिया, जिसके बाद उसको बचाने के लिए मेरा भाई भी उतरा, उसको भी गैस ने अपनी चपेट मे ले लिया। इसके बाद ठेकेदार और सुपरवाईजर दोनों मौके से भाग गए। यहां ना कोई अधिकारी आया है और ना कोई प्रशासन का आदमी। वहां मौजूद लोगों की मदद से हमने दोनों को बाहर निकाला।"
मामले पर कमिश्नर हर्ष कुमार ने कहा, "बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई है। जो भी इसका जिम्मेदार होगा कार्रवाई की जाएगी। ठेकादार पर भी कार्रवाई की जा रही है। मृतक के परिजनों को जो भी शासन की तरफ से मदद की जा सकती है उसकी भी फाइल भेज दी गई है।
क्यों होती है सीवर में मौत
दरअसल, टॉयलेट से निकलने वाला मैला और अन्य जगहों का गंदा मिश्रण जब सीवर में फंस जाता है तो उसके भीतर खतरनाक गैस बन जाती है। बावजूद उसे साफ करने के लिए मजदूरों को ही अंदर भेजा जाता है। बिना उपयुक्त सुरक्षा के सीवर में जाना जानलेवा साबित होता है। सीवर की सफाई ऐसा काम है जिसे करने के लिए मशीनों की मदद ली जा सकती है। लेकिन 21वीं सदी के भारत में आज भी सीवर को साफ करने के लिए इंसान उतर रहे हैं जिससे उनकी असमय मृत्यु हो जाती है।