बृजभूषण ने हर लड़की का शोषण किया, 12 साल से हमने इसका अत्याचार देखा है: विनेश फोगाट

कुश्ती में ऐसी कोई लड़की नहीं जिसके साथ बृजमोहन ने सेक्शुअल हैरेसमेंट करने की कोशिश न की हो, हजारों लड़कियां होंगी जिसके साथ ऐसा हुआ, पहलवानों ने भाजपा सांसद पर लगाए गंभीर आरोप

Updated: Apr 25, 2023, 11:45 AM IST

नई दिल्ली। भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना आज तीसरे दिन भी जारी है। पहलवानों ने स्पष्ट कर दिया है कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी से पहले वे धरने से नहीं उठेंगी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

धरना के तीसरे दिन अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता विनेश फोगाट ने कहा कि बृजभूषण ने सभी लड़कियों का शोषण किया है। अध्यक्ष से कितनी लड़कियां प्रताड़ित होंगी इसपर विनेश ने कहा, "इसकी कोई गिनती ही नहीं है। मैं आपको 100 बताऊं, 200 बताऊं, 500 बताऊं, 700 बताऊं, 1000 बताऊं, जितनी भी बताऊं मुझे तो कम लगती है। क्योंकि 12 साल से हमने इसका अत्याचार देखा है कि कितना हुआ है। कोई एक लड़की ही कुश्ती में इसने ऐसी छोड़ी होगी, जिसके साथ इसने बदतमीजी या सेक्शुअल हैरेसमेंट करने की कोशिश न की हो।"

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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "मुश्किल से ही कोई एक लड़की रेस्लिंग में बची होगी। मैं इसकी गिनती बता नहीं सकती कि कितनों के साथ ये सब हुआ है। इस काम में ये पूरा सिस्टम जुड़ा होता है। एक अकेला आदमी कुछ नहीं करता है। पूरा सिस्टम फॉलो अप करता है कि कौन लड़की कहां जा रही है और कहां से हैं। उनका मोबाइल नंबर निकालना है, उनसे बातचीत करवानी है। ये एक पूरा सिस्टम होता है, जिसके जरिए सब जाते हैं और फिर बृजभूषण की एंट्री होती है।"

धरने के तीसरे दिन केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओवरसाइट कमेटी की मेंबर बबीता फोगाट ने कहा कि जांच ठीक से नहीं हुई, मुझे रिपोर्ट पढ़ने तक नहीं दी गई। दरअसल, जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने ओवरसाइट कमेटी बनाई थी। अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया गया था। कमेटी की सदस्य बबीता ने कहा कि सभी की सहमति के साथ रिपोर्ट नहीं बनी है। जांच रिपोर्ट पढ़ते वक्त मेरे हाथ से छीन ली गई थी। साई निदेशक और जांच कमेटी में शामिल राधिका श्रीमन ने मेरे साथ बदतमीजी भी की थी। मेरे कई बिंदुओं को दरकिनार किया गया।

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मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। देश के चीफ जस्टिस (CJI) डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहलवानों ने याचिका में यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले पर अदालत द्वारा विचार किए जाने की जरूरत है।वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने इसपर पूछा कि क्या याचिका है, कौन पक्षकार हैं और क्या मांग हैं। 

सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सात महिला पहलवानों ने याचिका दी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं की जा रही है और  FIR दर्ज करने की याचिका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  आरोप गंभीर हैं और विचार की जरूरत है। महिला पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 28 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी।