खुद पर काल्पनिक खतरे से चिंतित पीएम से जावेद अख्तर का सवाल, 20 करोड़ आबादी के संहार की ललकार पर चुप्पी क्यों

जावेद अख्तर ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर उठाये सवाल, जावेद अख्तर ने कहा कि अपनी जान को खतरे में पड़ता देख पीएम राष्ट्रपति से तो मिल सकते हैं, लेकिन जब बीस करोड़ भारतीयों के संहार की बात की जाती है तब प्रधानमंत्री एक शब्द भी खर्च करना ज़रूरी नहीं समझते

Updated: Jan 10, 2022, 12:03 PM IST

नई दिल्ली। गीतकार जावेद अख्तर ने एक मर्तबा फिर अल्पसंख्यकों को लेकर दिये जा रहे भड़काऊ बयानबाज़ी का ज़िक्र छेड़ा है। इस बार जावेद अख्तर ने खुद इस मामले में चुप्पी साधने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। जावेद अख्तर ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री अपनी जान के काल्पनिक खतरे के सिलसिले में राष्ट्रपति से मिल सकते हैं, तो 20 करोड़ भारतीयों के संहार के मसले पर एक शब्द भी खर्च क्यों नहीं करते? 

जावेद अख्तर ने प्रधानमंत्री की कथित सुरक्षा चूक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री अपनी जान के काल्पनिक खतरे के सिलसिले में राष्ट्रपति से मिले हैं। वह भी तब जबकि वे बुलेट प्रूफ गाड़ी में सफर करते हैं। सुरक्षाकर्मियों के घेरे में मौजूद रहते हैं। लेकिन खुले तौर पर बीस करोड़ भारतीयों (मुस्लिमों) के नरसंहार की दी जाने वाली धमकी पर वे एक शब्द भी नहीं बोलते। ऐसा क्यों है मिस्टर मोदी? 

जावेद अख्तर ने इससे पहले भी मुस्लिम महिलाओं की नीलामी और धर्म संसद में दिये गये भड़काऊ भाषणों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। जिसके बाद जावेद अख्तर को सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया गया था। जिसके जवाब में जावेद अख्तर ने कहा था कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं की नीलामी, गोडसे के महिमामंडन और नरसंहार के उकसावे के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। इसीलिये उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। 

जावेद अख्तर ने उन्हें ट्रोल करने वाले लोगों के लिये कहा था कि कुछ बेवकूफों ने उनके परदादा को भी गाली दे रहे हैं। जो कि भारत की आज़ादी के लिये लड़ते-लड़ते काला पानी की सज़ा के दौरान 1864 में शहीद हो गये थे। जावेद अख्तर ने कहा था कि ऐसे धर्मांध और बेवकूफ लोगों को क्या ही कहा जा सकता है?

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जावेद अख्तर बीटाउन से ताल्लुक रखने वाले उन चुनिंदा हस्तियों में शुमार हैं, जो कि हर मुद्दे पर मुखरता से अपने विचार रखते हैं। यही वजह है कि जावेद अख्तर को अक्सर बीजेपी के समर्थक ट्रोल्स सोशल मीडिया पर निशाना भी बनाते रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद जावेद अख्तर हर ज़रूरी और संवेदनशील मुद्दे पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटते।