हाईकोर्ट के पूर्व जज सीएस कर्णन चेन्नई में गिरफ्तार, जजों के खिलाफ टिप्पणी का आरोप

जस्टिस सीएस कर्णन ने वीडियो जारी कर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर गंभीर आरोप लगाए थे, उनके परिवारों के बारे में भी विवादास्पद टिप्पणियां की थीं

Updated: Dec 03, 2020, 01:09 AM IST

Photo Courtesy : Jansatta
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चेन्नई। मद्रास और कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज सीएस कर्णन को चेन्नई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कर्णन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों और उनके परिवार वालों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का आरोप है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज कोर्ट के महिला स्टाफ का यौन शोषण करते हैं। आरोप यह भी है कि उन्होंने जजों के परिवार के सदस्यों पर महिला विरोधी और आपत्तिजनक टिप्पणियां भी की थीं।

दरअसल, सीएस कर्णन ने इसी साल अक्टूबर महीने में वीडियो जारी कर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर संगीन आरोप लगाया था। वीडियो में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर आरोप लगाया था कि वह कोर्ट के महिला स्टाफ और महिला जजों का यौन शोषण करते हैं। कर्णन ने इस वीडियो में जजों के द्वारा यौन शोषित का शिकार हुईं कुछ कथित महिलाओं के नाम भी लिए थे। उनके इस टिप्पणी के बाद देशभर में बड़ी बहस खड़ी हो गई थी।

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मामले में मद्रास हाईकोर्ट के एक एडवोकेट ने 27 अक्टूबर को जस्टिस कर्णन के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद मद्रास हाईकोर्ट के कुछ सीनियर वकीलों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे को चिट्ठी भी लिखी थी। शिकायत में कर्णन के इस वीडियो को बतौर सबूत पेश करते हुए कहा गया था कि कर्णन महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं और न्यायिक अधिकारियों और जजों की पत्नियों को यौन हिंसा की धमकी दे रहे हैं। वहीं बार कॉउन्सिल ने तो कर्णन को न्याय व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

मद्रास हाईकोर्ट ने मंगलवार को ही तमिलनाडु के डीजी और चेन्नई पुलिस कमिश्नर को इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया था। कोर्ट ने दोनों अफसरों को 7 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर जस्टिस कर्णन के खिलाफ जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था जिसके बाद पुलिस ने बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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जज रहते जेल जाने वाले देश के पहले व्यक्ति

बता दें कि 2017 में जस्टिस कर्णन को कोलकाता हाइकोर्ट के जज रहते हुए 6 महीने की जेल की सजा मिली थी। वह देश के पहले ऐसे जज थे, जिन्हें पद पर रहते हुए सजा मिली थी। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने पश्चिम बंगाल पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। एक हफ्ते के बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कर्णन को सुप्रीम कोर्ट, न्याय व्यवस्था और न्याय प्रक्रिया की अवमानना का दोषी माना था। खास बात यह है कि जब उन्हें 6 महीने की सजा हुई थी तब उनके कार्यकाल के भी 6 महीने ही शेष बचे थे। कर्णन का मानना है कि दलित समुदाय से आने की वजह से उन्हें परेशान किया जाता है।

राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर सीनियर जजों पर लगा चुके हैं भ्रष्टाचार का आरोप

जस्टिस सीएस कर्णन साल 2009 में पहली बार मद्रास हाईकोर्ट में जज बनाए गए थे। वर्ष 2016 में उनका ट्रांसफर कोलकाता हाईकोर्ट में हुआ था। कर्णन ने पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर सीनियर जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया था। पिछले साल उन्होंने एंटी करप्शन डायनैमिक पार्टी के नाम से अपना राजनीतिक दल बनाकर लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।