कहां से हो रही है पेमेंट , राहुल गांधी को बिना मांगी सलाह देने पर राज बब्बर का PK पर तंज

राज बब्बर ने कहा कि प्रशांत किशोर को इस तरह की बातें करने के लिए कोई ना कोई तो पैसा दे ही रहा होगा

Updated: Apr 08, 2024, 05:14 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बिन मांगी सलाह देने पर प्रशांत किशोर पर राज बब्बर ने तंज कसा है। कांग्रेस नेता ने चुनावी रणनीतिकार से पूछा है कि आखिर बिन मांगी सलाह देने की वजह क्या है? राज बब्बर ने यह भी संभावना जताई है कि प्रशांत किशोर कोई ऐसी बयानबाजी करने के लिए कोई ना कोई तो भुगतान कर ही रहा होगा। 

राज बब्बर ने प्रशांत किशोर द्वारा राहुल गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि प्रशांत किशोर के साथ उन्होंने काम किया है और वह इतना जानते हैं कि प्रशांत किशोर बिना पैसों के किसी को सलाह नहीं देते। फिर राहुल गांधी को बिन मांगी सलाह देने की पेमेंट कहां से हो रही होगी?

दरअसल प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को राजनीति से ब्रेक लेने की सलाह दी थी। प्रशांत किशोर ने कहा था कि अगर इस बार लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहता है तो उन्हें राजनीति से हटकर ब्रेक ले लेना चाहिए। 

प्रशांत किशोर पेशे से चुनावी रणनीतिकार रह चुके हैं। फिलहाल वह बिहार में जन सुराज नामक अभियान चला रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य बिहार में एक नए राजनीतिक विकल्प खड़ा करना है। हालांकि प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार से ज़्यादा दिल्ली की यात्रा अधिक करते पाए जा रहे हैं। ऐसे में उनके आलोचक यह भी कह रहे हैं कि प्रशांत किशोर ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने और मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। 

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प्रशांत किशोर ने जब बिहार में अपनी पदयात्रा शुरू की थी, उससे ठीक पहले राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले थे। गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी यात्रा के बीच में ब्रेक लेकर गुजरात में विधानसभा चुनाव का प्रचार किया था। तब प्रशांत किशोर ने अपनी पदयात्रा को अधिक बेहतर बताते हुए कहा था कि चूंकि उनका लक्ष्य बिहार की जनता की भलाई करना है इसलिए वह इस पदयात्रा को बीच में छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे और अब ख़ुद वही प्रशांत किशोर आए दिन दिल्ली की यात्राएं करने से नहीं चूकते। 

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प्रशांत किशोर ने बिहार में जन सुराज अभियान शुरू करने से पहले कांग्रेस में शामिल होने की भरपूर कोशिश की थी। एक वर्ष तक वह लगातार राहुल गांधी से मिलते रहे लेकिन जब कांग्रेस के दरवाजे प्रशांत किशोर के लिए नहीं खुले तब उन्होंने जन सुराज की शुरुआत करने का विकल्प चुनने का फैसला किया।