क्या हम पुतिन को युद्ध रोकने के लिए कह सकते हैं, यूक्रेन में फंसे छात्रों के मुद्दे पर बोले CJI

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा है कि छात्रों की स्थिति पर हमें भी बुरा लग रहा है, लेकिन हम क्या कर सकते हैं?

Updated: Mar 03, 2022, 07:02 AM IST

नई दिल्ली। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की स्थिति बदतर होती जा रही है। रूसी सेना वहां भयंकर तबाही मचा रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद अब भी वहां हजारों भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। यूक्रेन में फंसे छात्रों के मुद्दे पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा है कि क्या हम रूस को युद्ध रोकने के लिए कह सकते हैं?

दरअसल, कश्मीर के एक वरिष्ठ वकील ने CJI की बेंच के सामने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने बताया कि छात्र अभी भी यूक्रेन- रोमानियां बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर छात्राएं हैं। उनके पास पैसे भी खत्म हो चुके हैं। वकील ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि आप केंद्र सरकार को छात्रों की मदद करने और उन्हें वापस लाने के लिए कहें।

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मामले की सुनवाई के दौरान CJI एन वी रमन्ना ने कहा की हम इसमें क्या कर सकते हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश कुछ नहीं कर रहे हैं। छात्रों के हालात पर हमें भी बुरा लग रहा है। लेकिन हम क्या कर सकते हैं? क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कह सकते हैं कि युद्ध को रोक दें? सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता यूक्रेन में मेडिकल की छात्रा है। करीब 250 छात्र फंसे हैं। रोमानिया बॉर्डर से उनको निकाला नहीं जा रहा है। वो यूक्रेन बॉर्डर पर हैं उनको रोमानियां जाने की इजाजत नहीं है।

न्यायालय में सरकार की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से बात की है। एक मंत्री को रोमानियां भेजा गया है। सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसपर CJI ने कहा कि आप अपने ऑफिस को बोलिए कि कुछ करें। CJI ने याचिकाकर्ता छात्रा का ब्योरा मांगा और AG को कहा कि वो इसका ब्योरा नोट करें।

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बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में जब यह मामला चल रहा था उसी दौरान एक सुखद खबर भी सामने आई है। युद्ध के बीच भारत ने रूस के साथ एक अहम समझौता किया है। खारकीव में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए रूस 6 घंटे तक युद्ध रोकने को तैयार हो गया है। यह गैप वहां फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित खारकीव से निकालकर यूक्रेन के आसपास के देशों के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए लिया गया है।