सुप्रीम कोर्ट: पत्नी से ससुराल में मारपीट हुई तो पति जिम्मेदार

महिला के ससुर पर बैट से पीटने का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इससे फर्क नहीं पड़ता कि पिटाई ससुर ने की या पति ने, ससुराल में महिला को चोट पहुंची तो इसकी पहली जिम्मेदारी पति की है

Updated: Mar 09, 2021, 04:57 AM IST

Photo Courtesy: Livemint
Photo Courtesy: Livemint

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि किसी महिला के साथ ससुराल में होने वाली किसी भी मारपीट के लिए उसका पति जिम्मेदार है। कोर्ट ने एक शख्स की अग्रिम जमानत की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ससुराल में पत्नी से मारपीट का आरोप भले ही ससुराल के लिए किसी और शख्स पर हो, लेकिन पत्नी को लगी चोट की प्राथमिक जिम्मेदारी पति की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ससुराल में महिला के साथ होने वाले बुरे बर्ताव के मामले में पति अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।

 कोर्ट ने यह टिप्पणी जिस मामले में की, उसमें आरोपी शख्स की यह तीसरी शादी है, जबकि पीड़ित महिला की दूसरी शादी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शादी के एक साल बाद साल 2018 में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था। बीते साल जून में महिला ने लुधियाना पुलिस में अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। महिला का आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न करने पर उसे उसके पति, ससुर और सास ने उसे बेरहमी से पीटा है।

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की पीठ के समक्ष आरोपी पति के वकील कुशाग्र महाजन ने अग्रिम जमानत का अनुरोध किया। इसपर सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, 'आप किस तरह के आदमी हैं? महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति उसे गला दबाकर मारने वाला था। उसका आरोप है कि उसका गर्भपात हो गया। आप किस तरह के आदमी हैं कि एक क्रिकेट बैट से अपनी पत्नी को पीटते हैं।'

इस पर आरोपी के वकील ने दलील दी कि महिला ने खुद कहा है कि उसके ससुर उसे बैट से पीटते थे। इस पर सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि महिला को बैट से आप पीटते थे या आपके पिता। जब ससुराल में एक महिला को चोट लगती है तो उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी पति की होती है।' यह कहते हुए बेंच ने आरोपी पति की याचिका खारिज कर दी। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट आरोपी की अग्रिम जमानत की याचिका पहले ही खारिज कर चुका है।