उन्नाव केस में नया मोड़, हत्या का केस दर्ज, परिजनों ने की SIT जांच की मांग

मृत बच्ची के पिता के शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज, पुलिस ने पड़ोस के गांव के चार लड़कों को हिरासत में लिया

Updated: Feb 18, 2021, 03:18 PM IST

Photo Courtesy : Bhaskar
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उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो नाबालिग लड़कियों की संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। लड़की के पिता की ओर से असोहा थाना में की गई शिकायत पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने पड़ोस के गांव के चार लड़कों को भी हिरासत में लिया है। पिता द्वारा की गई शिकायत में बताया गया है कि घटनास्थल पर किशोरियों के गले में दुपट्टा लिपटा मिला है, साथ ही तीनों के मुंह से झाग निकलने की भी बात कही गई है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें हत्या करके लाश छिपाने की बात कही गई है। उन्नाव के एसपी ने बताया है कि पड़ोसी गांव के चार लड़कों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि लड़की के परिजनों ने उन्नाव के DM को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि मामले की जांच SIT को सौंपी जाए।

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इस कथित हत्याकांड मामले में फिलहाल मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आई है। दोनों शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद विसरा रिपोर्ट सुरक्षित रखी गयी है। विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चल पाएगा कि मौत का असली कारण क्या है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि बच्चियों की मौत जहर खाने से होने की बात रिपोर्ट में है। इसके पहले डॉक्टरों ने भी जहर से मौत का शक जाहिर किया था। हालांकि पूरी रिपोर्ट आए बिना किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं होगा।

दोनों लड़कियों के शव को पुलिस ने पीड़ित परिजनों को सौंप दिया है। इसके पहले पुलिस ने उन्हें दफनाने के लिए जेसीबी भी बुलवा ली थी। लेकिन गांव वाले आक्रोशित हो गए जिसके बाद पुलिस को शवों का अंतिम संस्कार रोकना पड़ा। गांववाले अंतिम संस्कार का विरोध कर रहे हैं। उनकी मांग है कि जबतक पीड़ित परिवार को नौकरी, मुआवजा नहीं मिलता और हत्यारों की तलाश नहीं होती तबतक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। गांव वाले पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, घर और सुरक्षा दिए जाने की मांग भी कर रहे हैं।

इस बीच, मौत से जूझ रही तीसरी लड़की अबतक कानपुर के अस्पताल में ही भर्ती है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। परिजन सुबह से ही सरकार और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बच्ची की जान बचाने को लेकर कोई विशेष पहल न किए जाने की चौतरफा आलोचना हो रही है।

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इस बीच उन्नाव में दलित लड़कियों की मौत के मामले में अनुसूचित जाति आयोग (एससी कमीशन) ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को नोटिस भेजा है और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। 

इस मामले को लेकर विपक्ष का भी आक्रामक रवैया देखने को मिला है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तीसरी बच्ची को तुरंत दिल्ली शिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है। खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है। यह न्याय में बाधा डालने वाला काम है। आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा? यूपी सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुने और तीसरी बच्ची को इलाज के लिए तुरंत दिल्ली शिफ्ट किया जाए।'