CM भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, मिलेट फसलों के उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने की मांग

मुख्यमंत्री ने पत्र में ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, पोषण आहार में 20 से 25 प्रतिशत मात्रा मिलेट फसलों की शामिल करने की मांग की है।

Updated: Jan 08, 2023, 11:53 AM IST

रायपुर। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मिलेट फसलों के उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने तथा इसे जन आंदोलन बनाने के लिए पहल करने का आग्रह किया है। उन्होंने मिलेट को 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों में शामिल करने की मांग की है। 

पीएम मोदी को संबोधित पत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा है कि, 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग द्वारा दिये जा रहे पोषण आहार तथा आश्रम-छात्रावासों के छात्रों को दिये जा रहे रियायती अनाज में 20 से 25 प्रतिशत मात्रा मिलेट फसलों की शामिल किया जाए।'

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि, 'संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। एनीमिया एवं कुपोषण के नियन्त्रण में मिलेट फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। दुर्भाग्य से विगत वर्षों में विपणन व्यवस्था के अभाव के कारण देश में मिलेट फसलों के उत्पादन में कमी आयी है।'

मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ में मिलेट फसलों को बढ़ावा देने के उपायों की जानकारी देते हुए पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ’मिलेट मिशन’ की स्थापना के साथ ही राज्य में पैदा होने वाले कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर इनके संग्रहण एवं विपणन की पुख्ता व्यवस्था की गयी है। राज्य में इन मिलेट उत्पादकों को 9,000 रूपए प्रति एकड़ ’इनपुट सब्सिडी’ भी दी जा रही है। देश के किसी भी राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादकों को इतनी अधिक सहायता नहीं दी जा रही। इन कारणों से विगत दो वर्षाे में राज्य में मिलेट फसलों के रकबे एवं उत्पादन में दो गुना से अधिक वृद्धि हुई है।