इंदौर में वैक्सीनेशन में गड़बड़ी उजागर, बिना वैक्सीन लगवाए ही दंपति के पास आया मैसेज

इंदौर में बिना कोरोना टीके का सेकंड डोज लगवाए सफल वैक्सीनेशन का मैसेज पाने वाले दंपति की सजगता से लगी वैक्सीन, सेंटर 9 बजे खुलता है, साढ़े 8 बजे टीका लगने का मैसेज आने से पकड़ाई गलती, सफाई देते रहे जिम्मेदार  

Publish: Jul 02, 2021, 12:41 PM IST

Photo Courtesy: mp breaking
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इंदौर। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान चल रहा है। आए दिन नए-नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। लेकिन उन रिकॉर्ड की सच्चाई क्या है उसकी एक बानगी इंदौर में देखने को मिली। इंदौर में एक दंपति को बिना कोरोना वैक्सीन लगवाए ही मैसेज आया है कि उन्हें वैक्सीन लग गई है, वैक्सीन लगने की बधाई। जिसके बाद इस दंपति ने मामले की शिकायत की।

इंदौर के श्याम नगर निवासी लक्ष्मीकांत गुप्ता और उनकी पत्नी रुकमणी गुप्ता ने कोरोना वैक्सीन की सेकंड डोज के लिए रजिट्रेशन करवाया था। अगले दिन जैसे ही वे दोनों  वैक्सीनेशन के लिए सेंटर पर जाने के लिए तैयार हुए, उससे पहले ही उन दोनों के फोन पर मैसेज आता है कि उनका वैक्सीनेशन सफल रहा बधाई। फिर क्या था दोनों के हाथ पांव फूल गए, एक तो कोरोना का खौफ, दूसरा कि अब उनके हिस्से की वैक्सीन कौन लगवा गया, जबकि वे दोनों तो अभी तक गए ही नहीं।

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बिना टीका लगवाए ही वैक्सीनेशन सफल होने का मैसेज देखकर दोनों परेशान हो गए। फिर जल्दी से बापट चौराहा स्थित वैक्सीनेशन सेंटर के कर्मचारियों को मैसेज दिखाया। उन्होंने कहा कि केवल एक डोज लगी है, दूसरी अभी लगना बाकी है।

दंपति ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को बताया कि उन्हें 11 से 1 बजे का स्लॉट मिला था, लेकिन सुबह साढ़े 8 बजे ही कोरोना वैक्सीन लगने का मैसेज पहुंच गया । काफी माथापच्ची के बाद लक्ष्मीकांत गुप्ता और उनकी पत्नी को डोज लग सकी।   

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अपनी गलती पर स्वास्थ्य विभाग पर्दा डालने के लिए सफाई देता नजर आय़ा। उनका कहना था कि रजिस्ट्रेशन के बाद यह शेड्यूल होती है, गलती से किसी ने उसे वैरिफाई कर दिया होगा। अब इस मामले की जांच की बात कही जा रही है।जब वैक्सीनेशन सुबह 9 बजे से होता है तो साढ़े 8 बजे कैसे टीका लगा दिया गया।

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एक जुलाई को इंदौर के 170 वैक्सीनेशन सेंटर्स पर 55 हजार 500 लोगों को टीका लगाने का टारगेट था। लेकिन इस दिन लक्ष्य से ज्यादा 74,592 से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हुआ। अभी तो वैक्सीनेशन में गड़बड़ी का एक मामला सामने आया है, अब देखना होगा कि इस तरह का कोई औऱ फर्जीवाड़ा किसी और के साथ तो नहीं हुआ है।

यह पहला मौका नहीं है जब टीकाकरण के आंकड़ों को लेकर सवाल उठे हैं। इससे पहले 21 जून को इस महाअभियान के चक्कर में बहुत से ऐसे लोगों के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भेजा गया जिसमें उन्होंने टीका लगवाया ही नहीं। वहीं कई अपात्र लोगों को सर्टिफिकेट भेजा गया। कई आधार नंबर्स पर बार-बार वैक्सीनेशन सर्टीफिकेट जारी किया गया।