सिंगरौली तहसीलदार की ग्रामीणों को जेल भेजने की धमकी, कहा- ध्यान रखना मजिस्ट्रेट हूं, एक इशारे पर ये टांग लेगा
आंध्रप्रदेश सरकार की कंपनी एएमडीसी को कोयल खनन के लिए सुलियरी कॉल ब्लॉक आवंटित हुआ है लेकिन कंपनी ने विस्थापित ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिए बगैर ही कोल खनन शुरू कर दिया जिससे ग्रामीणों में असंतोष और नाराजगी है
सिंगरौली। सिंगरौली तहसीलदार जितेंद्र वर्मा का ग्रामीणों को धमकाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। सिंगरौली जिले के सुलियरी कोल ब्लॉक का आवंटन आंध्रप्रदेश सरकार की कंपनी आंध्रप्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को किया गया है। सरकारी कंपनी द्वारा ग्रामीणों से भू अर्जित किए बिना ही कोयला खनन की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके विरोध में डोंगरी गांव के आदिवासी बीते कई दिनों से धरने पर बैठे हैं और इसी बीच बुधवार को ग्रामीणों ने कोयला ले जाने वाली गाड़ियों का परिवहन रोक दिया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस धरनास्थल पर पहुंचे और जेल में बंद करने की धमकी देकर ग्रामीणों को धरना खत्म करने की चेतावनी दी।
"ध्यान रखना मजिस्ट्रेट हूं, एक इशारे में ये (पुलिस) टांग लेगा"
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) June 2, 2022
MP के सिंगरौली में APMDC को मिले सुलियरी कोल ब्लॉक में कथित बिना भूअर्जन प्रक्रिया के डोंगरी गांव में खनन शुरू करने पर आदिवासी धरने पर बैठे तो तहसीलदार साहब बरस पड़े।
CM रोज़ अपराधियों को टांगते और आधिकारी जनता को। pic.twitter.com/rk0zauXyYk
तहसीलदार जितेंद्र वर्मा ने धमकी देते हुए कहा कि, 'ध्यान रखना मजिस्ट्रेट हूं, एक इशारे पर ये टांग लेगा... कोल परिवहन रोक लेगा तू...कंपनी को जमीन दिए हो, जाओ भाड़ में... आचार संहिता लगी है, ज्यादा करोगे तो जेल में डाल देंगे।' जितेंद्र वर्मा ने एक ग्रामीण आदिवासी युवक को धमकाते हुए कहा कि मेरा बेटा आईएएस है क्या तू बात करेगा, इसको 122 में बुक करो, न्यूसेंस क्रिएट करता है। इस बीच युवक हाथ जोड़े खड़ा रहा और निवेदन करता रहा।
गौरतलब है कि ग्रामीण आदिवासी विस्थापितों को उचित मुआवजा सहित अन्य मांगों को लेकर खनन का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीण आदिवासी अपनी मांगों को लेकर जिला प्रशासन पर दवाब बनाने के लिए धरना दे रहे है और उन्होंने बुधवार को कोल का परिवहन रोक दिया था जिसके बाद ग्रामीणों को तहसीलदार द्वारा धमकी सुनने को मिली। बताया जा रहा हैं कि आंध्रप्रदेश सरकार की कंपनी एएमडीसी को कोयल खनन के लिए सुलियरी कॉल ब्लॉक आवंटित हुआ है लेकिन कंपनी ने विस्थापित ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिए बगैर ही कोल खनन शुरू कर दिया जिससे ग्रामीणों में असंतोष और नाराजगी है।