अस्पताल में भर्ती होने के लिए अब जरूरी नहीं कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट, राज्यों को 3 दिन में लागू करने का निर्देश

केंद्र सरकार ने कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए नेशनल पॉलिसी में बदलाव किया है, अब कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के बिना भी अस्पताल मरीजों को भर्ती कर इलाज कर सकेंगे

Updated: May 08, 2021, 11:19 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। देश में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच केंद्र सरकार ने कोविड-19 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर नेशनल पॉलिसी यानी राष्ट्रीय नीति तय की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब अस्पतालों में भर्ती होने के लिए कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट साथ लाना जरूरी नहीं  होगा। इससे पहले कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट के बिना अस्पताल में दाखिला मिलना मुश्किल हो रहा था और यह लगभग अनिवार्य सा नियम बन गया था कि बिना कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट के ना तो इलाज, ना दवा और ना ही कोई ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था हो पा रही थी। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक कोरोना संक्रमण के लक्षणों वाले संदिग्ध मरीजों को भी अस्पताल में जरूरत के आधार पर भर्ती किया जा सकेगा। भले ही संबंधित व्यक्ति के पास पॉजिटिव होने की आरटीपीसीआर रिपोर्ट न हो। स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। राज्यों से कहा गया है कि तीन दिनों के भीतर इस नए नियम को लागू करें।

नए नियम के तहत कोविड संक्रमण के संदिग्ध मरीजों को सस्पेक्टेड वार्ड में भर्ती किया जा सकेगा। इसमें कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पताल शामिल हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी मरीज को इस आधार पर भर्ती करने से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उसके पास इलाज वाली संबंधित जगह का आधार कार्ड नहीं है, जहां पर अस्पताल स्थित है।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी प्रदेश के व्यक्ति को देश के किसी भी कोने में, किसी भी अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। अस्पताल में एंट्री आवश्यकता के आधार पर तय की जाएगी। हालांकि अबतक अस्पताल में उन्हीं लोगों को भर्ती होने की अनुमति थी जिनके पास कोरोना पॉजिटिव होने का RT PCR रिपोर्ट हो। कई राज्यों में जांच रिपोर्ट देर से आने की वजह से मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिला पा रहा था और उनकी मौत हो जा रही थी। अब इस बदलाव के बाद मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।