आपदा में राजनीति: एक फोटो के लिए ऑक्सीजन पाइप हटा मरीजों को जूस पिला रहे ABVP कार्यकर्ता

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में फोटोशूट के लिए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उड़ाई कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां, कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल में घुसकर जूस पिलाते हुए खिंचवाई तस्वीरें

Updated: Apr 30, 2021, 07:20 PM IST

Photo Courtesy: IndianExpress
Photo Courtesy: IndianExpress

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट काल में देश के युवाओं से आगे बढ़कर लोगों की मदद करने की अपील की है। बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के युवाओं पर प्रधानमंत्री के इस अपील का खासा असर देखने को मिला है। उत्तराखंड में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने लोगों की मदद में इतना बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया कि एक अस्पताल ने उनकी एंट्री बैन कर दी है। दरअसल, विद्यार्थी परिषद के लोग कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन पाइप हटाकर उन्हें जूस पिलाते हुए फोटोशूट करवा रहे थे।

मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज का है। यहां एबीवीपी के कार्यकर्ता कोरोना मरीजों का तीमारदारी करने पहुंचे थे। वे मरीजों के लिए फल, जूस तथा अन्य खाद्य सामग्री साथ लेकर गए थे। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पीपीई कीट भी पहन रखी थी। यह नेक कार्य किस संगठन के द्वारा की जा रही है इस बात की जानकारी लोगों तक पहुंचे इसके लिए उन्होंने पीपीई किट पर बाकायदा विद्यार्थी परिषद का स्टीकर भी लगाया था।

यह भी पढ़ें: कोरोना खत्म हो गया है कह कर BJP विधायक ने मास्क लगाना छोड़ा था, वायरस ने ले ली जान

विद्यार्थी परिषद के इन कार्यकर्ताओं में सेवाभाव ऐसा था कि कोरोना से जूझ रहे गंभीर मरीजों को जूस पिलाने के लिए कार्यकर्ताओं ने उनके नाक में लगे ऑक्सीजन पाइप तक को एक झटके में हटा दिया। दरअसल, कोविड-19 हाई रिस्क वार्ड में अंदर घुसकर कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मरीजों की सेवा करते फोटोशूट करना शुरू कर दिया था। इस दौरान मरीजों को फल और जूस खिलाते-पिलाते तस्वीरों के लिए उन्हें मरीजों के ऑक्सीजन पाइप तक हटाने में कोई हिचक नहीं हुई। राहत की बात यह है कि इस दौरान किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई।

मामले ने तूल तब पकड़ा जब इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो स्वप्रचार के लिए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने वायरल कर दिया। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि इलाजरत मरीजों के आक्सीजन पाइप निकाले जा रहे हैं और उन्हें पीने के लिए जूस के गिलास दिए जा रहे हैं । कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक वार्ड में ड्यूटी पर तैनात मेडिकल स्टॉफ के अलावा वहां कोई अन्य प्रवेश नहीं कर सकता। लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र संगठन होने के वजह से शायद उन्हें इस नियम से छूट मिल गई हो।

यह भी पढ़ें: महामारी के बीच हर 17वें घंटे में एक नया आदमी बनता रहा अरबपति

कांग्रेस ने एबीवीपी के इस कृत्य को आपदा में राजनीति करार दिया है। विपक्ष ने सीएमओ और अस्पताल प्रशासन से पूछा है कि कोविड-19 प्रोटोकॉल में कोई परिवर्तन की गई है क्या? प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि, 'बीजेपी संकट काल में लोगों की जान की परवाह किये बगैर राजनीति करने में मशगूल हैं। इस आपदा की घड़ी में सत्ताधारी दल के लोग संक्रमितों की सेवा के नाम पर मरीजों के साथ जूस पिलाते हुए, अपने हाथों से उनको भोजन करवाते हुए फ़ोटो शूट करवा कर रहे हैं।' कांग्रेस की छात्र संगठन एनएसयूआई ने इसे बेवकूफी भरी हरकत करार देते हुए कहा है कि एबीवीपी के लोग समाज सेवा का नाटक करने के चक्कर में लोगों की जान संकट में डाल रहे हैं।

मामले पर बवाल बढ़ने के बाद दून मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक केसी पंत ने अस्पताल परिसर में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य आशुतोष सयाना ने बताया कि विद्यार्थी परिषद ने अस्पताल परिसर में व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करने के लिए आज्ञा ली थी। हालांकि, उन्हें उच्च जोखिम वाले कोविड वार्ड में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी थी। उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी कि उन्हें कोविड वार्ड तक जाने की अनुमति किसने दी।