बढ़ती महंगाई पर पेट्रोलियम मंत्री का ज्ञान, सर्दी ने बढ़ाए पेट्रोल-डीज़ल के दाम
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का कारण ठंड को बताया है, उन्होंने दावा किया है कि मौसम बदलते ही पेट्रोल सस्ता हो जाएगा

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आग सर्दी की वजह से लगी है। ये नई दलील देश के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के आसमान छूते दामों का ठीकरा कुदरत पर फोड़ते हुए कहा कि ठंड का मौसम इसकी सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने यह दावा भी किया कि मौसम बदलते ही पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो जाएंगे।
पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को लेकर पूछे जाने पर बीजेपी नेता ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की वजह से ग्राहकों पर असर पड़ा है। सर्दियां खत्म हो रही हैं तो कीमतें भी घटेंगी। यह एक अंतरराष्ट्रीय मसला है। सर्दियों में मांग बढ़ने की वजह से कीमतों में उछाल आया है। अब कीमतें कम होंगी।' धर्मेंद्र प्रधान के इस अजीबोगरीब बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसपर मजेदार टिप्पणियां भी कर रहे हैं।
जाड़े की वजह से बढ़ी पेट्रोल की कीमतें, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मौसम पर फोड़ा महंगाई का ठीकरा#Petrol100NotOut |@PetroleumMin |@dpradhanbjp pic.twitter.com/lL4XqDW3u1
— humsamvet (@humsamvet) February 26, 2021
जानकारों का मानना है कि प्रधान ने यह बयान शायद हीटिंग ऑइल की मांग को ध्यान में रखते हुए दिया है। दरअसल, पश्चिमी देशों में ठंड के दिनों में पेट्रोलियम पदार्थों का उपयोग हीटिंग ऑयल के तौर पर किया जाता है। इस वजह से इसकी डिमांड बढ़ जाती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दामों में तेज़ी आ जाती है। लेकिन धर्मेंद्र प्रधान की इस दलील में दम इसलिए नहीं है, क्योंकि भारत में पेट्रोल डीज़ल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों से ज्यादा सरकार द्वारा वसूले जाने वाले टैक्स की वजह आसमान छू रहे हैं।
दरअसल मोदी राज में डीज़ल पर लगने वाली एक्साइज़ ड्यूटी में करीब 9 गुना बढ़ोतरी की जा चुकी है। पेट्रोल पर टैक्स भी करीब तीन गुना बढ़ाया जा चुका है। मनमोहन सिंह के राज में डीज़ल पर 3.50 रुपये प्रति लीटर एक्साइज़ ड्यूटी लगती थी, जो अब बढ़कर 32 रुपये प्रति लीटर हो गई है। पेट्रोल पर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में करीब 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज़ ड्यूटी ली जाती थी, जो अब बढ़कर करीब 33 रुपये प्रति लीटर हो चुकी है। ऐसे सरकार यदि केवल इस बढ़ोतरी को भी वापस कर ले तो देश में आम जनता को भारी राहत मिलेगी।
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ऐसा पहली बार नहीं है जब केंद्रीय मंत्रियों ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बारे में ऐसे बयान दिए हैं। गुरुवार को ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को धर्मसंकट बताया था। सीतारमण ने गुजरात के अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मैं नहीं बता सकती, पेट्रोल-डीज़ल के दाम कबतक दाम कम हो पाएंगे। यह एक धर्म संकट है।
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात की जाए तो वे इस मामले में वह अपने कैबिनेट मंत्रियों से काफी आगे हैं। उन्होंने तो एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान बढ़ती महंगाई का ठीकरा पिछली सरकारों पर ही फोड़ दिया था। पीएम मोदी ने दावा किया था कि पिछली सरकारों ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया, इसलिए देश कच्चे तेल के मामले में आज भी आयात पर निर्भर है, जिससे दाम बढ़ जाते हैं। उन्होंने यह दावा भी किया था कि उनकी सरकार जब से सत्ता में आई है, इस दिशा में लगातार काम हो रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि मोदी राज में देश में कच्चे तेल का उत्पादन लगातार घटा और दूसरे देशों से होने वाले इंपोर्ट पर निर्भरता और बढ़ी है।