सरकार को 24 घंटे में कार्रवाई का निर्देश अन्यथा कोर्ट बनाएगा टास्क फोर्स, प्रदूषण रोकने में नाकाम सरकारों पर SC सख्त

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र की सरकार को बुरी तरह लताड़ा, CJI बोले 'हम एक गंभीर वास्तविक कार्रवाई की उम्मीद करते हैं, यदि आप कल (शुक्रवार) तक नहीं कर सकते हैं तो हम करने जा रहे हैं'

Updated: Dec 02, 2021, 02:22 PM IST

Photo Courtesy: pti
Photo Courtesy: pti

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण रोकने पर केंद्र और राज्य सरकार नाकाम रही है। प्रदूषण को लेकर कई दौर के फटकार के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं है। सरकारों के ढुलमुल रवैए से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अबतक की सबसे कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च न्यायालय ने जहां केंद्र को 24 घंटे की मोहलत दी है वहीं दिल्ली सरकार को यहां तक कह दिया है कि आपका काम देखने के लिए हमें किसी को नियुक्त करना पड़ेगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने आज मामले की सुनवाई के दौरान दोनों सरकारों को फटकारते हुए कहा कि, ' आखिर समस्या कहां है? दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम क्यों नहीं हो रहा है? पराली जलाने की समस्या भी अब नहीं है। तो वायु की खराब गुणवत्ता ठीक क्यों नहीं हुई? हम लगातार निर्देश दे रहे हैं और आप सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं।' सीजेआई एनवी रमन्ना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की बेंच ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 24 घंटे का मोहलत दिया है।

यह भी पढ़ें: संसद में एंट्री बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे पत्रकार, प्रेस क्लब से संसद तक पत्रकारों का पैदल मार्च

कोर्ट की कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के कामकाज पर गहरी निराशा व्यक्त की है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि शुक्रवार तीन दिसंबर तक सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया तो अदालत खुद कुछ निर्देश देगी। न्यायालय ने कहा है कि, 'हमारे निर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया जा रहा है। सरकार कोई काम नहीं कर रही है। ऐसे में हमें ही टास्क फोर्स गठित करना होगा और वह आपकी निगरानी करेगी। यदि आप काम नहीं करेंगे तो हमें ठोस कदम उठाना होगा।'

सीजेआई ने दिल्ली सरकार को फटकारते हुए यहां तक कह दिया कि सरकार का कामकाज देखने के लिए अदालत को ही किसी व्यक्ति को नियुक्त करना पड़ेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने राजधानी में स्कूल खोले जाने को लेकर भी गहरी निराशा व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार ना आने के बावजूद स्कूलों को फिर से क्यों खोला गया? तीन-चार साल के बच्चे आज स्कूल जा रहे हैं जबकि कर्मचारियों को घर से काम करने को कहा गया है।

यह भी पढ़ें: जो सरकार डरे वो अन्याय ही करे, निलंबन के खिलाफ लगातार तीसरे दिन राहुल गांधी ने किया प्रदर्शन

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, 'अपने जो हमें एफिडेविट सौंपा था उसमें कहा है कि स्कूल बंद कर दिए गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। क्या आपको बच्चों की फिक्र नहीं है। आपने बताया है कि दिल्ली के युवा प्रदूषण पर जागरूकता के लिए बैनर लेकर सड़कों पर खड़े हैं? क्या यह सिर्फ प्रचार के लिए किया जा रहा है? उन युवाओं के स्वास्थ्य की किसी को चिंता है या नहीं?' इसके जवाब में दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया कि बैनर लेकर खड़े युवा स्वयंसेवक थे।

दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से कुछ युवा सड़कों के किनारे व रेड लाइट पर 'कार का इंजन बंद' करने समेत अन्य पोस्टर्स लेकर खड़े। इन पोस्टर्स में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की भी फोटो थी, जिससे तय था कि ये सरकार करवा रही है। बहरहाल न्यायालय की फटकार के बाद दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में सभी स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया है।