खुरई कांड की STF जांच कराए सरकार, दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को संबोधित पत्र में लिखा है कि बीजेपी नेताओं के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है

Updated: Feb 24, 2022, 11:38 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के खुरई में बीते दिनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को लेकर राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने नाराजगी जताई है। सिंह ने इसे बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए एसटीएफ जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि बीजेपी नेताओं के इशारे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित पत्र में दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि, 'शीर्ष भाजपा नेताओं के इशारे पर पूर्व विधायक अरूणोदय चौबे और उन्हें समर्थकों पर धारा 307 सहित अन्य गैर जमानती धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।।राजनैतिक विरोधियों को परेशान करने और झूठा मुकदमा दर्ज कराने की यह नई शैली भाजपा सरकार ने अपना ली है। हर जिले में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरूद्ध पुलिस को ढाल बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।'

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सिंह ने आगे लिखा है कि, 'सागर जिले की खुरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक नगरीय विकास मंत्र भूपेन्द्र सिंह हैं। जो सैकड़ों लोगों के साथ जुलूस निकालकर थाने गए थे और पुलिस पर दबाव डालकर गैर जमानती मामले दर्ज कराए थे। प्रथम दृष्टया यह मामला बहुत बड़े राजनैतिक षड़यंत्र का खुलासा करता है। खुरई स्थित एक पार्क में 11 जनवरी की शाम को किन्ही अज्ञात तत्वों द्वारा वहां बने सेल्फी पॉइंट को तोड़ा जाता है और दूसरे दिन एक के बाद एक दो FIR कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज करा दी जाती है। पहली FIR में 4 कार्यकर्ता और फिर दूसरी FIR में 4 और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम जोड़ दिये गये। जबकि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सेल्फी पॉईंट तोड़ा था।'

सिंह के मुताबिक, 'जब भूपेन्द्र सिंह के दबाव में जब झूठी FIR दर्ज की गई तो कांग्रेस पार्टी ने विरोध दर्ज कराने के लिये SDM को ज्ञापन देने के लिये 25 जनवरी को अनुमति ली। जब 27 जनवरी को पूर्व विधायक कांग्रेस नेता श्री अरूणोदय चौबे के नेतृत्व में कार्यकर्ता ज्ञापन देने तहसील ऑफिस जा रहे थे तो भाजपा के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता भी भीड़ लेकर तहसील कार्यालय में जमा हो गए। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस से कांग्रेसियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए हो हल्ला किया फिर तहसील परिसर में रखी कुर्सियां फेंकना शुरू कर दी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की।'

सिंह ने कहा कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ पुलिस को धमकाने और शासकीय कार्य में हस्तक्षेप करने के मामले में FIR दर्ज करने के जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई। झंडे लिये भाजपा के लोगों ने न सिर्फ कांग्रेस के नेताओं से मारपीट की बल्कि पुलिस के अधिकारियों, सिपाहियों और पत्रकारों तक से धक्का-मुक्की की। भाजपा के प्रदर्शन का शिकार स्थानीय तहसीलदार इसरार खान भी हुए, उन्हें भी लाठियां लगी। करीब 2 घंटे तक पूरे तहसील परिसर में अफरा-तफरी मची रही। 

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पूर्व सीएम ने लिखा है की इस घटना के दूसरे दिन भाजपा के लोगों ने कांग्रेस नेता अरूणोदय चौबे और उनके समर्थकों को पुलिस केस में फंसाने के लिये एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को थाने में खड़ा कर एट्रॉसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। भीड़ का नेतृत्व करते हुए फरियादी को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह थाने तक ले गये थे। इसी प्रकार एक अन्य फरियादी विनोद राजहंस की शिकायत पर अरूणोदय चौबेे एवं साथियों के विरूद्ध धारा 307 में जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया। सागर जिले की खुरई तहसील में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरूद्ध गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की घटना यह बताती है कि भारतीय जनता पार्टी ने सुचिता की राजनीति को तारतार कर दिया है।'

सिंह के मुताबिक इससे पहले भी अरूणोदय चौबे को ‘बिनायठा हत्याकांड’ में फंसा कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित करने के लिये रचे गये ‘खुरई कांड’ की STF गठित कर जांच की जाए ताकि पुलिस को आगे कर घृणित साजिश रचने वाले नेताओं का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने अपील की है कि मेरी यह भी अपील है कि प्रदेश को ‘वेलफेयर स्टेट’ से ‘पुलिस स्टेट’ के रूप में तब्दील होने से बचाया जाए। इस तरह की घटनाएं राज्य के पुलिस स्टेट बनने का संदेश दे रही है।