सैकड़ों बीघे ज़मीन के मालिक हैं राजस्थान के करोड़पति कबूतर

कबूतरों के पास बाकायदा बैंक खाता और पैन कार्ड भी मौजूद, भारी-भरकम रक़म बैंक में जमा, सेवा के लिए कई नौकर-चाकर लगे

Updated: Jan 24, 2021, 11:04 AM IST

Photo Courtesy : The Conversation
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जयपुर। कोई लखपति है, कोई करोड़पति, किसी के पास सैकड़ों बीघा जमीन और किसी के पास मोटा बैंक बैलेंस। लेकिन वे इंसान नहीं हैं। अगर हम आपसे कहें कि जिन करोड़पतियों की बात हम कर रहे हैं, वे दरअसल कबूतर हैं तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन राजस्थान में वाकई ऐसे करोड़पति कबूतर मौजूद हैं।  सैकड़ों बीघा जमीन के मालिक ये कबूतर दानवीर भी हैं और लाखों रुपये दान भी करते हैं।

धनवान कबूतरों का ये असली किस्सा राजस्थान के जोधपुर और चितौड़गढ़ का है। यहां के कबूतरों के पास बाकायदा बैंक खाते, पैन कार्ड और सारे कागजी सुबूत हैं जो इनके करोड़पति होने की गवाही देते हैं। इतना ही नहीं कबूतरों ने अपने सेवा के लिए कई इंसानों को बतौर नौकर काम पर भी रखा है और जिन्हें बाकायदा तनख्वाह भी दी जाती है। ये रईस कबूतर चित्तौड़गढ़ के बंबोरी और जोधपुर के असोप कस्बे के हैं। 

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दरअसल, राजस्थान के बहुत से हिस्सों में कबूतरों को दाना-चुग्गा डालने की परंपरा है। कई जगहों पर कबूतरों के लिए ट्रस्ट भी बने हुए हैं। रियासती काल में जोधपुर के आसोप के कुछ धनाढ्य लोग जिनके कोई वारिस नहीं था, उन्होंने अपनी जमीन कबूतरों के नाम लिख दी। ऐसी ज़मीन करीब 360 बीघा है। कबूतरों की देखरेख के लिए बना ट्रस्ट हर साल इस ज़मीन को खेती के लिए किराए पर देता है और उससे होने वाली कमाई से कबूतरों के लिए दाना-पानी खरीदा जाता है। वर्तमान में असोप की यूको बैंक शाखा में कबूतरों के नाम पर 30 लाख से अधिक की राशि जमा है। इसके अलावा कबूतरों के नाम कस्बे में तीन पक्की दुकानें भी हैं। 

कबूतरों के लिए काम करने वाली 100 साल से भी ज्यादा पुरानी कबूतरान कमेटी के सदस्य बताते हैं कि कस्बे में 21 चबूतरे हैं, जहां असंख्य कबूतर दाना चुगते हैं। यहां कबूतरों के लिए हर रोज़ करीब 10 क्विंटल ज्वार डाली जाती है। बताया जाता है कि करीब 10 साल पहले अकाल के कारण एक बार इस कस्बे में मौजूद गोशाला की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और चारे के लिए समिति के पास पैसा नहीं था। ऐसे मुश्किल हालात में गांव के करोड़पति कबूतर ही काम आए। कबूतरान कमेटी ने गायों के चारे के लिए 10 लाख रुपये डोनेट किए।

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ऐसी ही कहानी चित्तौड़गढ़ के छोटी सादड़ी तहसील के तहत आने वाले बंबोरी गांव की भी है। हाल ही में बम्बोरी में कबूतरों के लिए 1.72 लाख रुपये नकद और 50 बोरी अनाज दान में जमा हुए हैं। यहां के कबूतरों के लिए कबूतरखाना समिति बनी हुई है। बंबोरी के कबूतरों के पास करीब 7 बीघा जमीन है और बैंक में भी लाखों रुपए जमा हैं।