भारत की सहमति के बिना भारतीय समुद्री सीमा में घुसकर अमेरिकी युद्धपोत ने किया अभ्यास

भारत की समुद्री सीमा में लक्षद्वीप के निकट अमेरिकी नौसेना ने किया फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन ऑपरेशन, दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों में दरार की आहट, विपक्ष का तंज, डंका बज रहा है

Updated: Apr 09, 2021, 12:20 PM IST

Photo Courtesy : NDTV
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नई दिल्ली। अमेरिकी नेवी का एक जंगी जहाज भारत की सहमति के बिना न केवल भारतीय समुद्री इलाके में घुस आया बल्कि यहां ऑपरेशन को भी अंजाम दिया है। अमेरिकी नेवी ने खुद बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है। अमेरिकी नौसेना ने सातवें बेड़े ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने लक्ष्यद्वीप के पास भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में फ्रीडम ऑपरेशन किया है। अमेरिका का यह ऑपेरशन साफ तौर पर भारतीय मैरीटाइम पॉलिसी के खिलाफ है।

भारतीय समुद्री इलाके में अमेरिकी नेवी के इस दादागिरी करने और उसके बाद बयान जारी करने के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। यूथ कांग्रेस ने केंद्र से पूछा है कि अमेरिका ने बिना सहमति लिए ऑपरेशन क्यों किया। यूथ कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि मेरे दोस्त ट्रंप से लेकर मेरे दोस्त बाइडेन तक, मित्रता वास्तविकता को परिभाषित करती है।' युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि भारत का डंका बज रहा है।

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इस ऑपरेशन को लेकर अमेरिकी नेवी के सातवें बेड़े ने बयान जारी कर बताया कि बीते 7 अप्रैल यानी बुधवार को मिसाइल विध्वंसक अमेरिकी पोत USS जॉन पॉल ने लक्ष्यद्वीप से 130 नॉटिकल मिल पश्चिम में भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन के अंदर नेविगेशनल राइट्स और फ्रीडम का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन किया। अमेरिकी नेवी नेे इसमें यह भी बताया है कि उन्होंने इसके लिए भारत से कोई अनुमति नहीं मांगी। 

इतना ही नहीं अमेरिका ने कहा है कि इस तरह के ऑपरेशन हम कोई पहली बार नहीं कर रहे हैं, बल्कि पहले भी कर चुके हैं और यह भी दावा किया है कि भविष्य में भी वह ऐसे ऑपरेशन करेंगे। बयान में यह भी कहा गया है कि फ्रीडम ऑफ नेवीगेशन ऑपरेशन यानी कि FONOPs किसी एक देश के समुद्री क्षेत्रों में नहीं किए जाते बल्कि हर जगह होते हैं और इसका कोई राजनीतिक मतलब भी नहीं है।

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अमेरिका के इस बयान को दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में दरार की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि इंडियन मैरीटाइम पॉलिसी के मुताबिक एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन के भीतर किसी भी देशों के जंगी जहाजों की एंट्री अथवा सैन्य गतिविधियों के संचालन से पहले भारत से अनुमति लेना अनिवार्य है। हालांकि, अमेरिकी नेवी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के हिसाब से भारत का यह कहना गलत है और बिना अनुमति वे सैन्य ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।

अमेरिकी नेवी का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब भारत लगातार अमेरिका से अपने रिश्तों को सुधारने में जुटा हुआ है। पीएम मोदी ने अपने 7 साल के कार्यकाल में अमेरिका को खूब तवज्जो दी है साथ ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को तो अपना अच्छा दोस्त बताया था। अमेरिका और भारत एक स्वर में दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवादी रुख का विरोध भी करते रहे हैं। लेकिन अब अमेरिका से ही इस तरह का बयान भारतीय कूटनीतिज्ञों के उम्मीद से परे है। बहरहाल, इस मामले पर भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।