Opinion at Humsamvet In Hindi
जयंती विशेष: जब दुनिया बमों के ढेर पर बैठी थी, तब भी वह...
लिंकन और गांधी सौभाग्यशाली थे कि उन्हें गोली से मार दिया गया। नेहरू अभागे थे, जो...
हुंकार नहीं यह पीड़ा है
पूंजी की बढ़ती हिस्सेदारी ने नई किस्म की हताशा को जन्म दिया है। भारत सरकार कहती है...
शिक्षक का संघर्ष और सरकारी तंत्र की उदासीनता, दो दशकों...
जब राज्य के गरीब, वंचित आदिवासियों के बच्चों की शिक्षा पिछड़ रही थी, तब मुख्यमंत्री...
सतह से शिखर तक कमलनाथ का शंखनाद, बदल रहा है सियासी मौसम
प्रदेश में हज़ारों शिलान्यास और घोषणाओं के बाद भी कमलनाथ को क्यों नहीं रोक पा रहे...
सर्वधर्म समभाव ही भारत की आत्मा है: महात्मा गांधी
भारत आज तमाम तरह के संकटों से गुजर रहा है। परंतु यह तो स्पष्ट है कि इस वक्त का सबसे...
शिक्षक दिवस पर शिक्षा जगत से शिक्षक की बेदखली
विनोबा एक बड़ी मजेदार बात कहते हैं, ’’आज तो शिक्षक की हैसियत ही क्या है? जैसे खेत...
मेरे प्रिय 140 करोड़ परिवारजन: कुछ तो समझिये
सबसे बड़ा सवाल यह है कि देश को समझना होगा कि चुनाव जीतने की क्षमता शासन को सुचारू...
राजघाट विध्वंस: गांधी विचार से उपजा भय
नई वैचारिक शासन व्यवस्था के अन्तर्गत वाराणसी स्थित राजघाट विध्वंस कोई पहला विध्वंस...
संसद को छोड़ें, सड़क पर उतरें
संसद में बहस नहीं हो रही और सड़कें तो पहले ही अंधी, गूंगी और बहरी हो चुकी हैं। सड़कों...
सीधी कांड पर सीधी बात
इस अमानवीय घटना को लेकर अब चर्चा कम होती जा रहीं है। राजनीतिक दलों के अपने-अपने...