Ashok Lavasa: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का इस्तीफा

एशियन डेवलपमेंट बैंक के उपाध्यक्ष बनेंगे अशोक लवासा, PM Modi और अमित शाह को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन में क्लीन चिट का जताया था विरोध

Updated: Aug 19, 2020, 06:32 AM IST

Photo Courtesy: Swaraj Express
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नई दिल्ली। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वह जल्द ही एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे। लवासा चुनाव आयोग का अगला प्रमुख बनने की कतार में थे। लवासा ने राष्ट्रपति भवन को अपना इस्तीफा भेज दिया तथा 31 अगस्त को उन्हें कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि वह कुछ समय में फिलीपीन स्थित एडीबी में पद ग्रहण करेंगे।

इससे पहले अशोक लवासा को 15 जुलाई को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की। बैंक का मुख्यालय मनीला में है। चुनाव आयोग में लवासा का कार्यकाल अक्टूबर 2022 तक था। तब तक वह मुख्य चुनाव आयुक्त के पद तक पहुंच सकते थे। वह एडीबी में जाने पर कार्यकाल के बीच में आयोग छोड़ने वाले दूसरे चुनाव आयुक्त होंगे।

बताया जा रहा है कि उनकी एडीबी के उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति भारत सरकार की सिफारिश पर हुई है। एडीबी और अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों के कामकाज की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय संस्था तब तक किसी की नियुक्ति की घोषणा नहीं करती हैं जब तक कि वह व्यक्ति जिसे नियुक्त किया जा रहा है अपनी स्वीकृति नहीं दे देता है। इसके साथ ही बहुपक्षीय एजेंसियों में उच्चस्तर पर कोई भी नियुक्ति सरकार की सहमति के बिना भी नहीं होती हैं।

इससे पहले वर्ष 1973 में मुख्य चुनाव आयुक्त नगेन्द्र सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था। उन्हें हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायधीश नियुक्त किया गया था।

लवासा ने 23 जनवरी 2018 को चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभाला था। वह मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के बाद अगले साल अप्रैल में मुख्य चुनाव आयुक्त बन सकते थे। ऐसे में आयोग उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव करता।

लवासा के बाद आयुक्त सुशील चंद्र मुख्य चुनाव आयुक्त के पद के दावेदार होंगे। चुनाव आयोग अधिनियम 1991 के प्रावधानों के मुताबिक कोई भी चुनाव आयुक्त अथवा मुख्य चुनाव आयुक्त अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज सकता है।

लवासा वर्ष 2019 में उस समय सुर्खियों में आए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चुनाव आचार संहिता नियमों का उल्लंघन किए जाने के मामले में दी गई क्लीन चिट पर उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को अपना असहमति नोट दिया था।

चुनाव समाप्त होते ही लवासा की पत्नी सहित उनके परिवार के तीन सदस्य आय की घोषणा नहीं करने और कथित रूप से आय से अधिक संपत्ति के मामले में आयकर विभाग की जांच के घेरे में आ गए।