अग्निपथ योजना पर अड़ी मोदी सरकार, देशभर में विरोध के बावजूद तैयारियां शुरू

दक्षिण भारत तक पहुंचा अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध, केंद्र सरकार योजना को लागू करने पर अड़ी, सिर्फ इस साल के लिए उम्र सीमा बढ़ाया

Updated: Jun 17, 2022, 07:23 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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नई दिल्ली। अग्निपथ योजना के खिलाफ भड़की आग दक्षिण भारत तक पहुंच चुकी है। तेलंगाना के सिकंदराबाद में युवाओं ने एक ट्रेन को आग के हवाले कर दिया। बिहार में हालात नियंत्रण से बाहर है। यहां शुक्रवार को भी युवाओं ने आधा दर्जन ट्रेनों में आग लगा दी। देशभर में बवाल के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार इस योजना को लागू करने के लिए अड़ी हुई है।

केंद्र सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल इस योजना को वापस नहीं लेने जा रही है। गुरुवार देर शाम केंद्र ने अधिकमत उम्र की सीमा को सिर्फ इस साल के लिए 21 से 23 करने का निर्णय लिया। हालांकि, इसे वापस लेने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया गया। केंद्र सरकार ने इसे लागू करने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है।

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रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार पहले साल सेनाओं में कुल तीन फीसदी अग्निवीर नियुक्त किए जाएंगे। भविष्य में कभी भी अग्निवीरों की संख्या सेनाओं की कुल संख्या के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। यानी सेनाओं में 50 फीसदी तक अग्निवीर जवान नियुक्त किये जा सकेंगे। सरकार का तर्क है कि इससे सेना में युवा जोश और अनुभव का मिश्रण होगा।

हालांकि, एक्सपर्ट्स इस योजना को लेकर आशंकित हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि चार वर्ष में युवा जबतक सेना को समझेंगे तबतक उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। इससे सेना कोई कोई फायदा नहीं होने वाला है। कांग्रेस नेता व हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसपर पुनर्विचार करने की मांग की है। हुड्डा ने कहा कि, 'इसके दूरगामी परिणाम होंगे और इस योजना को तैयार करते समय इन परिणामों पर पूरी तरह से विचार नहीं किया गया है। भविष्य में इस नीति का हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा।'

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आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने सेना में संविदा आधार पर भर्ती का विरोध जताते हुए कहा है कि इस व्यवस्था से गैंग वॉर की घटनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, 'आप नौजवान को अग्नीपथ योजना के तहत सेना में लेंगे, 6 महीने की हथियार चलाने की ट्रेनिंग देंगे और 4 साल बाद निकाल देंगे, तो फिर बाहर आकर गैंगवार की घटनाएं बढ़ेंगी। केंद्र सरकार अग्नीपथ योजना वापस ले और पूर्व की तरह सेना में जवानों की भर्ती की जाए।'

कांग्रेस नेत्री कुमारी सैलजा ने इस योजना का विरोध करते हुए कहा कि, 'अग्निपथ योजना के जरिए सेना में महंगी ट्रेनिंग के बाद युवाओं से अल्प समय के लिए सेवाएं ली जाएंगी और फिर इन्हें निजी कंपनियों में बेहद कम वेतन में सुरक्षा गार्ड के तौर पर नौकरी करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। क्योंकि, चार साल बाद सेना से निकाले जाने के बाद इनके पास किसी भी तरह के रोजगार का कोई अवसर नहीं बचेगा।'