तय समय से 2 घंटे पहले खुली ट्रेन, भड़के यात्रियों ने थमाया 5 लाख रुपए का लीगल नोटिस

मध्य प्रदेश के रीवा स्टेशन से राजधानी भोपाल स्थित रानी कमलापति स्टेशन के लिए शुरू हुई थी स्पेशल ट्रेन, पहले ही दिन नियत समय से दो घंटे पूर्व खुल गई, गुस्साए यात्रियों ने 5-5 लाख का भेजा लीगल नोटिस, 15 दिन के भीतर क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिली तो जाएंगे कोर्ट

Updated: Feb 16, 2022, 07:20 PM IST

Photo Courtesy: India Today
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भोपाल। भारतीय ट्रेनें अपनी लेट-लतीफी के लिए मशहूर हैं। दशकों से भारतीय यात्री ट्रेनों के विलंब रहने की शिकायत करते रहे हैं पर कभी इसमें उल्लेखनीय सुधार नहीं हो सका। लेकिन मध्य प्रदेश में एक अजीबोगरीब वाकया हुआ। यहां एक ट्रेन तय समय से 2 घंटे पहले ही खुल गई। रेलवे के इस कारनामे पर यात्री भड़क गए और उन्होंने पांच-पांच लाख रुपए का लीगल नोटिस भेज दिया।

दरअसल, बीते 12 फरवरी को मध्य प्रदेश के रीवा स्टेशन से राजधानी भोपाल स्थित रानी कमलापति के लिए स्पेशल साप्ताहिक ट्रेन शुरू हुई थी। उद्घाटन वाले दिन ही यह ट्रेन तय समय से 2 घंटे पहले खुल गई। भोपाल की रहने वाली सोशल एक्टिविस्ट रोली शिवहरे ने इसी ट्रेन में कटनी जंक्शन से रानी कमलापती स्टेशन के लिए 3rd AC कोच में बुकिंग करवाया था। रोली के साथ उनके पांच वर्षीय बेटे राग और उनकी बहन ऋचा शिवहरे को भी भोपाल आना था।

रोली शिवहरे के मुताबिक उन्होंने 12 फरवरी को दोपहर बाद ऑनलाइन माध्यम से ट्रेन का स्टेटस चेक करने का खूब प्रयास किया लेकिन कोई डिटेल्स नहीं मिले। इसके बाद उन्होंने रेलवे के नंबर पर कॉल कर जब जानकारी मांगी तो वह यह जानकर हैरान हो गईं की ट्रेन 15 मिनट में स्टेशन पहुंचने वाली है। आनन-फानन में उन्होंने सामना बांधा और दौड़ते-भागते स्टेशन पहुंची। यहां ट्रेन में बैठने के बाद टीसी से जब उन्होंने बात की तो उन्हें कोई उचित कारण नहीं बताया गया। 

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रोली और उनकी बहन ऋचा ने अब रेलवे को पांच-पांच लाख रुपए का लीगल नोटिस भेजा है। रोली इस घटना को लेकर कहती हैं कि यह एक बेहद अजीबोगरीब अनुभव था। क्योंकि हम सब तय समय के हिसाब से तैयारी में थे। हमारी एक बेहद महत्वपूर्ण मीटिंग थी जो हमें केवल इस ट्रेन को बोर्ड करने के लिए छोड़ी पड़ी। जल्दबाजी में कई सामान भी छूट गए। उस दिन हमारी मनोस्थिति बिल्कुल भिन्न थी। हम सबसे ज्यादा चिंतित राग को लेकर थे, ट्रेन में पैंट्री नहीं होने के कारण बच्चा प्यास से तड़प रहा था और हम असहाय थे। बच्चे को इस हालत में देख मैं टूट गई थी। यह बेहद भयावह था। 

रोली शिवहरे के वकील दीपक बुंदेले ने कहा कि यह घोर लापरवाही है। देश में पहले कभी इस तरह की घटना नहीं हुई है। रेलवे की इस लापरवाही के कारण कुछ भी अनहोनी हो सकती थी। रेलवे को हमने लीगल नोटिस भेजा है और दोनों यात्रियों की ओर से 15 दिन के भीतर 5-5 लाख क्षतिपूर्ति राशि की मांग की है। 15 दिन के भीतर रेलवे की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को बाध्य होंगे। 

मामले पर हम समवेत ने जब वेस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर राहुल जयपुरिया से बात की तो उन्होंने भी यह स्वीकार किया कि ट्रेन निर्धारित समय से पहले खुल गई थी। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि सभी यात्रियों को मैसेज भेजकर बताया गया था कि ट्रेन के समय में बदलाव किया गया है। राहुल के मुताबिक इसके बाद भी जिन यात्रियों की ट्रेन छूट गई उन्हें हम रिफंड दे रहे हैं। हालांकि, जब राहुल से पूछा गया कि यात्रियों को बताने के बाद भी  आप रिफंड क्यों दे रहे हैं? इसपर वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इतना ही नहीं अन्य सवाल पूछने पर उन्होंने हम समवेत से कहा कि अभी आप समझ नहीं पा रहे हैं, बाद में बात कीजिएगा।

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CPRO राहुल के मैसेज भेजने के दावों को लेकर जब हमने रोली शिवहरे से दोबारा बातचीत की तो उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। रोली के मुताबिक उनके ईमेल अथवा मोबाइल नंबर पर ऐसा कोई संदेश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि रेलवे खुद चेक कर ले कि हमारे पास कब मैसेज भेजा गया। रोली ने आरोप लगाया कि पहले तो इन्होंने गलती की और अब बहाने बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम ने हमारा मजाक बना रखा है। रोली ने यह भी बताया कि सिस्टम की इस लापरवाही के कारण अधिकांश यात्रियों की ट्रेन छूट गई। उन्होंने रेलवे से पूछा है की जब यात्रियों को बता दिया गया था तो फिर ट्रेन के सारे कोच खाली क्यों पड़े थे? 

हम समवेत को अपुष्ट सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि उस दिन रोली और ऋचा जैसे कई यात्री ऐसे थे जो पूर्वनिर्धारित समय पर स्टेशन पहुंचे। ट्रेन न होने की सूचना मिलने पर उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। बवाल बढ़ता देख रेलवे अधिकारियों ने आनन-फानन में दूसरे ट्रेनों में अलग से कोच लगाकर उन्हें भोपाल भेजने का प्रबंध किया। हालांकि, इस बारे में हम समवेत के पास फिलहाल कोई पुष्ट जानकारी नहीं है।